Chandrayaan-3 , चंद्रयान का अर्थ होता है “चंद्रमा पर यात्रा”। चंद्रयान एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है जो चंद्रमा के अध्ययन के लिए भेजा गया था।

आजकल सबसे ज्यादा चर्चित विषय भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान -3 ( Chandrayaan-3 ) का है। लोगों के मन में काफी सवाल आ रहे होंगे , कि भारत द्वारा चंद्रमा पर यह अंतरिक्ष मिशन क्यों किया जा रहा है? इससे भारत को क्या फायदा होगा इसको भेजने में कितना पैसा लग रहा और भी ऐसे बहुत से प्रश्न जो लोगों के मन में आ रहे हैं उन सभी प्रश्नों का सुरक्षित उत्तर हमारे इस आर्टिकल में दिया जाएगा ।
Chandrayaan-3 More Details
Name ( नाम ) | चंद्रयान-3 |
Launch Date ( उड़ान भरने की तारीख ) | 14 जुलाई 2023 |
Landing Date ( लैंडिंग की तारीख ) | 23 अगस्त 2023 |
Oprater ( ऑपरेटर ) | ISRO |
Mission ( मिशन ) | लैडर , रोवर , मून मॉडल |
Landing Place ( चांद पर उतरने का स्थान ) | दक्षिणी ध्रुव की सतह |
Rover Weight ( रोवर का वजन ) | 26 kg |
Country ( देश ) | भारत |
What is Chandrayaan-3 Mission? ( चंद्रयान-3 मिशन क्या है )
chandrayan-3 मिशन की शुरुआत 2008 में भारत अंतरिक्ष एजेंसी के द्वारा की गई थी। इस मिशन के अंतर्गत भारत द्वारा चंद्रयान पृथ्वी के सतह से चंद्रमा पर भेजा जाएगा और चंद्रमा से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी को एकत्रित किया जाएगा ।
चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजने के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चंद्रयान तकरीबन 1 दिन तक का अपना काम करेगा, आपको यह बता दे की चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है । अंतरिक्ष एजेंसी की बात करें तो उनका कहना यह है कि अंतरिक्ष में भेजेगा यह लंबे समय तक भी कम कर सकते हैं । अगर प्रोपल्शन मॉड्यूल की बात की जाए तो यह 3 महीने से लेकर के 6 महीने तक काम कर सकता है।
ISRO के द्वारा चंद्रयान मिशन की शुरुआत ( Chandrayaan-3 mission start )

ISRO के द्वारा चंद्रयान मिशन की शुरुआत 15 अगस्त 2003 को किया गया था। नवंबर 2003 में भारत सरकार ने इसरो को चंद्रयान-1 के लिए मंजूरी दी थी। इसरो को चंद्रयान-1 के लिए मंजूरी मिलने के पश्चात करीब 5 साल की मेहनत के बाद भारत ने 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान मिशन लॉन्च किया ।
चंद्रयान-1 के बाद चंद्रमा पर खोजबीन करने के लिए दूसरे अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 को भेजा गया। इस अभियान में भारत में निर्मित एक चंद्र ऑरबिटर, एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल हैं।
चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य ( Main objective of Chandrayaan-3 )
चंद्रयान 3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है जिसके अंतर्गत चंद्रमा पर वातावरण वायु पानी और भी मुख्य चीजों की खोजबीन करके सारी जानकारी पृथ्वी तक भेजना है । चंद्रयान-2 को फॉलो अप करते हुए चंद्रयान-3 भी इस पर कार्य करेगा।
चंद्रयान-3 कब लांच होगा ? When will Chandrayaan-3 be launched?
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई 2023 को दोपहर के 2:35 पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से किया जाएगा। चंद्रयान-3 का लाइव प्रसारण 23 अगस्त 2023 को 5:27 से शुरू होगा जो कि इसरो की वेबसाइट पर दिखाया जाएगा । ISRO की वेबसाइट नीचे दी गई है ।
चंद्रयान-3 मिशन में कितना पैसा लगा? How much money was spent in Chandrayaan-3 mission?
चंद्रयान-3 मिशन के लिए भारत सरकार द्वारा वित्तीय बजट 665 करोड रुपए दिया गया है। अमेरिकी डॉलर में देखा जाए तो 75 मिलियन डॉलर भारत सरकार ने इसरो को चंद्रयान-3 के कार्य के लिए दिया है। लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत लगभग 215 करोड़ रुपये है।
चंद्रयान-3 कैसे लांच होगा ? How will Chandrayaan-3 be launched?
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई 2023 को 2:35 पर श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश से की जाएगी। 14 जुलाई 2023 को देश के सबसे भारी रॉकेट LVM3 से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया करीब 42 दिन की यात्रा करके उसने चांद की सतह पर लैंडिंग कर दी है।
चंद्रयान का लॉन्च एक बड़े रॉकेट या उपग्रह के माध्यम से किया जाता है। इसके लॉन्च की प्रक्रिया निम्नलिखित तरीके से होती है:
- विकसण और तैयारी: सबसे पहले, एक विशेष टीम द्वारा उपग्रह (या चंद्रयान) तैयार किया जाता है, जिसमें उपग्रह के विज्ञान और तकनीकी उपकरण शामिल होते हैं।
- रॉकेट का चयन: उपग्रह को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए उपयुक्त रॉकेट का चयन किया जाता है। इस चयन के आधार पर, रॉकेट का डिज़ाइन और तैयारी की जाती है।
- प्रक्षेपण (Launch): जब सब तैयार होता है, तो उपग्रह को एक विशेष स्थान से लॉन्च किया जाता है। इसके लिए एक महत्वपूर्ण लॉन्च पैड (केंद्र) का उपयोग किया जाता है।
- अंतरिक्ष में पहुंच: रॉकेट उपग्रह को अंतरिक्ष में पहुंचाता है, जिसके बाद उपग्रह अपने अद्वितीय कार्य को आरंभ करता है, जैसे कि चंद्रमा का अध्ययन करना।
यह एक सामान्य तरीका है, लेकिन हर मिशन की विशेषताएँ और तकनीकी विवरण विभिन्न हो सकते हैं, जो सरकारों और अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा अपनाए जाते हैं।
भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बारे में जानकारी के लिए यहां देखें | क्लिक करे |
चंद्रयान-3 का ‘प्रज्ञान रोवर’ चांद पर क्या करेगा ?

चंद्रमा पर शॉप लैंडिंग करने का काम विक्रम लैडर का है। इसके अलावा प्रज्ञान रोवर का काम चंद्रमा पर गड्ढा करके उसके निचले सतह की जानकारी प्राप्त कर वैज्ञानिकों तक का पहुंचना है।
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FAQ –
Question – चंद्रयान-2, चंद्रयान-1 से किस तरह भिन्न है?
चंद्रयान-2 और चंद्रयान-1, दोनों भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) द्वारा चंद्रमा के अध्ययन के लिए विकसित किए गए थे, लेकिन ये दोनों मिशन भिन्न-भिन्न हैं:
चंद्रयान-1: चंद्रयान-1 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की प्रकृति और उपादानों का अध्ययन करना था। यह चंद्रमा के आस-पास की सम्पूर्ण चक्कर बनाते हुए न्यूनाधिक दूरी तक पहुँचा था, लेकिन वह उसकी सतह पर नहीं पहुँचा।
चंद्रयान-2: चंद्रयान-2 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर उपग्रह को लैंड करना और उसके सतह की अध्ययन करना था।
मिशन की प्रक्रिया:
चंद्रयान-1: चंद्रयान-1 केवल चंद्रमा के पास से गुज़र गया और उसकी चक्कर बनाते हुए डेटा जमा किया।
चंद्रयान-2: चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने का प्रयास किया, हालांकि यह सफलता नहीं प्राप्त कर सका।
इन तत्वों के साथ, चंद्रयान-2 एक उन्नत और उत्कृष्ट मिशन था जिसका लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर उपग्रह को लैंड करना और अध्ययन करना था, जबकि चंद्रयान-1 ने केवल चंद्रमा की प्रकृति का अध्ययन किया था।
Question – चंद्रयान-3 से क्या फायदा होगा? What will be the benefit of Chandrayaan-3?
भारत द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष में चंद्रयान 3 से बहुत ही फायदा मिल सकता है इस अंतरिक्ष यान के द्वारा चंद्रमा पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी पृथ्वी के वैज्ञानिकों को प्राप्त होगी और चंद्रमा पर वायुमंडल पानी और भी अधिक रिसर्च करने के लिए चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में भेजा गया है।
Question – चंद्रयान 3 की स्पीड कितनी है? What is the speed of Chandrayaan-3?
चंद्रयान-3 की अधिकतम स्पीड 1.6 इस किलोमीटर प्रति सेकंड तथा न्यूनतम स्पीड 358 मीटर प्रति सेकंड तक का होता है।
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Some Extra information –
On which surface of the Moon will Chandrayaan-3 land? चंद्रयान-3 चंद्रमा के किस सतह पर उतरेगा ?
भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान 3 को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है , सूत्रों की मन की दुनिया भर में यह पहला ऐसा उपग्रह होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और चंद्रमा के जमीन के अंदर खुदाई करके अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करेगा। अब तक की दुनिया में ऐसा कोई भी अंतरिक्ष यान नही है, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में शॉप लैंडिंग किया हो। यह भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा। Official website ISRO – Click Here
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